Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan: 1 ही रात में चले गए गांव के सभी लोग

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan जहां हुआ मुखिया की लकड़ी के अधीन, पूरे गांव का खात्मा. वही आज पड़ा है वीरान. जाने अंत तक की कहानी, कुलधरा की जुबानी.

1 कुलधरा का परिचय | Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan
चित्र 1. कुलधरा गांव को दर्शाया गया है

दर्शकों, आज में आपको बताऊंगा। Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के पूरे इतिहास के बारे में। उससे पहले में आपको बताऊंगा। कुलधरा के परिचय के बारे में।

कुलधरा जो राजस्थान राज्य के जैसलमेर जिले में स्थित एक गांव है. तथा यह एक प्राचीन ओर रहस्यमई गांव है. जिसे भूतों का गांव होने का भी दावा किया जाता है।

इस गांव का बसाव 13वीं शताब्दी में था। जिसे पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था। 19वीं शताब्दी के चलते। किसी कारणवश गांव को खाली करना पड़ा। Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के वीरान होने के पीछे कई वजह रहे हैं। 

दर्शकों, यह जैसलमेर शहर से लगभग 18 किलोमीटर की दूर पर पश्चिम की ओर बसा हुआ है. जहा से जैसलमेर दुर्ग की दूरी मात्र 18 किलोमीटर है.

वही कुलधर की लंबाई 861 मीटर ओर चौड़ाई 261 मीटर है। यह गांव आयताकार आकार का है। दर्शकों, में आपको बताऊंगा। की इस Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan को 13वीं शताब्दी में. पालीवाली ब्राम्हणों द्वारा बसाया गया था. जिसके आसपास के 84 गांवों को भी। पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा ही बसाया गया था।

जो वर्तमान समय में पूरी तरह खंडित हो चुका है. ओर वीरान पड़ा है। जिसकी देखरेख भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग करता है। 

2 कुलधरा के लोगो का वर्णन और अर्थव्यवस्था 

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan
चित्र 2 कुलधरा गांव के लोगो को दर्शाया गया है

तो दर्शकों अब में आपको बताऊंगा। Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के लोगों का वर्णन ओर अर्थव्यव्स्था के बारे में।

लक्ष्मी चंद द्वारा लिखी गई। 1899 की इतिहास की किताब। जिसका नाम तवारिख–ए–जैसलमेर में बताया गया है। कुलधरा के पालीवाल ब्राह्मणों में से बसने वाला पहला व्यक्ति कधन ( कधान) नामक व्यक्ति था। जिसने कुलधरा में प्रवेश करके। उधानसर नामक तालाब का निर्माण किया था।

दर्शकों, Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के लोगो को पालीवाल ब्राह्मण कहा जाता है. क्योंकि यह राजस्थान के पाली जिले से आए थे. पाली जिले के कारण ही इनका नाम पालीवाली ब्राह्मण पड़ा। जो वैष्णव धर्म के थे।

कुलधरा के ब्राह्मण लोग. समुदाय अपनी समृद्धि. व्यापार कौशल और जल प्रबंधन तकनीकी के लिए जाने जाते है. जिनमें अधिकतर लोग किसान, कृषि का व्यापार ओर बैंकरों का कार्य करते थे। साथ ही मिट्टी के बर्तन भी बनाया करते थे। 

दर्शकों, Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के लोग जिनमें पुरुष लोग मुगलिया अंदाज का साफा पगड़ी ओर पजामा पहनते थे। कमर पर कमरबंध बैल्ट बांधते थे। साथ ही कंधे पर कपड़े से बना रुमाल जैसा अंगरखा भी साथ रखते थे।

इसके अलावा पुरुष लोग गले में हार भी पहनते थे। महिलाएं मुख्यत लहंगा पहनती थीं। ओर अंगरखा भी साथ रखती थी। ओर गले में हार का उपयोग भी करती थीं। 

वही यहां के लोग जलसंचय के लिए खड़ीन का इस्तेमाल करते थे जो एक कृत्रिम निचाई वाला हिस्सा होता था। जिसके तीन ओर बाँध बना दिये जाते थे। जब खड़ीन का पानी सूख जाता तो पीछे बची मिट्टी ज्वार ,गेहूँ और चने की फसल के लिए अनुकूल होती।

एक 2.4 किलोमीटर लंबी और 2 किलोमीटर चौड़ी खड़ीन kuldhara के दक्षिण दिशा में मौजूद थी। खेती करने में गाँव के लोग ककनी नदी या काकनी नदी और कुछ कुओं से पानी सींचते थे।

दर्शकों, ककनी नदी जो शाखाओं में विभाजित थीं। एक जिसे “मसुरड़ी नदी” कहा जाता था। और दूसरी जो कि एक नाली के रूप में थी। ककनी नदी जो कि एक मौसमी नदी है। जब यह सूख जाती थी। तब गाँव के लोग घरों से दूर बने कुओं से पानी लेकर आते थे।

वही एक स्तम्भ शिलालेख से पता चलता है। कि गाँव में तेजपाल नाम का एक ब्राह्मण हुआ करता था। जिसने एक बावड़ी का निर्माण करवाया था। यह ब्राह्मण Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan का ही रहने वाला था।

यहां के लोग भगवान् विष्णु, महिषासुर मर्दिनी, भगवान् गणेश, बैल स्थानीय घोड़े आदि की पूजा अर्चना किया करते थे। 

3 कुलधरा की निर्माण प्रक्रिया ओर वास्तुकला

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan
चित्र 3 Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के कुछ हिस्सों को दर्शाया गया है

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के निर्माण ओर वास्तुकला के बारे में।

यह गांव पूरी तरह से रेगिस्तान के बीच बसा हुआ है। जहां के कुछ हिस्से वर्तमान में खंडहरों में तब्दील है। ओर बाकी कुछ हिस्से शेष बचे है।

गांव की संरचना इस प्रकार से बनाई थी। की यह गांव गर्मी के मौसम में भी ठंडा रहता था। दर्शकों, गांव की गालियां सुनियोजित और चौड़ी रखी गई थी। जिससे लोगों का आना जाना सुगम रहता था।

गांव के मकान एक पंक्ति में। इस प्रकार बनाए गए थे। जिससे हवा ओर रौशनी का समुचित प्रवाह हो सके। Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के प्रत्येक घर में। एक आंगन और छत पर हवा के आवागमन के लिए। झरोखें बनवाए गए थे।

कुलधरा गांव की यह वास्तुकला। पूरी तरह से राजस्थानी वास्तुकला के अंतर्गत “राजस्थानी शैली” पर आधारित थी। जिसमें गांव के अन्तर्गत निर्माण कार्यों में। पीले बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया था। 

यहां के घरों को बिना किसी चुने, पानी या सीमेंट के। बल्कि पत्थरों के ऊपर पत्थर डालकर बनाया गया था। ओर उनके ऊपर लेप किया गया था। ताकि गर्मी में सर्दी, ओर सर्दी में गर्मी का अहसास हो सके।

वही मकानों की दीवारें मोटी बनाई गई थीं। ताकि गर्मी घरों में प्रवेश न कर सके। घरों में हमे कमरे, किचेन, हॉल आदि देखने को मिलते है। घरों की छतों में लकड़ी  के ऊपर लेप लगाकर छतों का निर्माण किया गया था।

छतों का निर्माण कार्य पत्थरों की मोटी स्लैब्स से भी किया गया था। ताकि वह गर्मी को सहन करने क्षमता रखें। 

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan
चित्र 4 कुलधरा गांव को दर्शाया गया है

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के मकानों की बनावटी इस प्रकार से है। ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा ओर बाहरी आक्रमणों से सुरक्षित रह सके।

kuldhara village के घरों में हमे छोटे छोटे आले ( बॉक्स ) देखने को मिलते है। घरों के झरोखें ओर ओर बालकनीयों में बारीक नक्काशी का इस्तेमाल किया गया था। जो राजस्थानी वास्तुकला का एक उत्कृष्ठ ओर अद्भुत उदाहरण हैं।

दर्शकों दरवाजों के आकर छोटे बनाए गए थे। ताकि धूल और गर्म हवाएं घरों के अंदर न आ सके। कॉलम का आकार गोलाकार आकृति में बनाया गया था हैं। जहां के आँगन में गोबर का लेप या मिट्टी हमे देखने मिलती है।

वही सभी घरों की ऊंचाई लगभग 8 से 10 फीट के बीच रखी गई थी। जिनमें अधिकतर डबल इमारतें भी शामिल हैं।

दर्शकों, उस समय Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के लोगों ने मंदिर की स्थापना की। जिनमें भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान विष्णु, महिषासुर मर्दिनी, कुछ बैल स्थानीय घोड़े आदि को देखा जाता है। इन मंदिरों की कला नागर शैली को दर्शाती है.

जिनकी मूर्तियां सुंदर नक्काशी से तैयार की गई थी। कुलधरा के लोग घरों के बाहर भगवान् गणेश की मूर्ति स्थापित करते थे।

इसके अलावा भी यहां के निवासियों ने जल संचय के लिए। कुएं, बावड़ी ओर तालाब आदि के निर्माण कार्यों को अंजाम दिया था। जिससे पानी की आपूर्ति साल के 365 दिन तक टिकी रहती थी। 

4 कुलधरा के अंतिम वीरान की घटना की कहानी | kuldhara ki story

दर्शकों, Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के अंतिम वीरान की घटना का अंदाजा कोई नहीं लगा पाया है।

हालांकि इतिहासकरों ओर कुछ लोगों के अलग अलग मत जरूर है। यहां मेरे द्वारा कुलधरा गांव के वीरान पड़ने के कुछ कारण बताएं गए हैं। 

4.1 सालिम सिंह और कुलधरा के मुखिया की लड़की | story of kuldhara

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan
चित्र 5 कुलधरा के मुखिया की लड़की को दर्शाता है

दर्शकों, एक समय था। जब जैसलमेर रियासत का दीवान सालिम सिंह था। जो Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan ओर उसके आस पास के सभी गावों से कर वसुली करता था।

वही एक दिन सालीम सिंह की गन्दी नजर kuldhara heritage villag के मुखिया की खुबसूरत लड़की पर पड़ी। उसी समय से सालिम सिंह उस मुखिया की खुबसूरत लड़की को पाने में लग गया।

जिसके चलते वह गांव वालो पर अधिक दबाव डालने लगा।

एक दिन सालीम सिंह ने kuldhara rajasthan के मुखिया के घर पर सन्देश भेजा। ओर कहा अगले पूर्णिमा के दिन अगर उस लड़की को नहीं भेजा। तो वह गांव वालो पर क्रूरता दिखाकर उस लड़की को उठाकर ले जाएगा। 

उधर यह खबर सुनकर 84 गांव के लोग इकठ्ठा हुए। ओर सभी ने मिलकर Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan को छोड़ने का फैसला लिया। ओर पूर्णिमा के दिन सभी ने गांव को अलविदा कहा।

तथा कुलधरा गांव को श्राप दे डाला। ओर जाते हुए कहा आज के बाद जो भी इस गांव में प्रवेश करेगा या रहने की कोशिश करेगा। वह तहस नहस हो जाएगा।

तभी से आज तक Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan वीरान पड़ा है।

तभी से यह एक भुतहा शहर कहा जाने लगा। दूसरी ओर जब सालिम सिंह अपनी सेना लेकर कुलधरा पहुंचा। तो उसे सुनसान घर मिले।

ओर लोग उस गांव को श्राप देके जा चुके थे। ओर सालिम सिंह भी अपनी सेना के साथ पुनः लौट जाता है। जो kuldhara ki story को परिभाषित करती है.

4.2 पालीवाल ब्राह्मणों का निजी पलायन 

कहा जाता है Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के पालीवाल ब्राह्मण बहुत कुशल और बुद्धिमान लोग थे।

वह खेती का व्यवसाय ओर व्यापार करने में निपुण थे।

एक दिन जैसलमेर रियासत के दीवान सालिम सिंह ने। उन पर कर वसुली का अत्यधिक बोझ डालता है।

गांव पर अत्यधिक कर वसुली के चलते। वह कर वसुली से असंतुष्ट थे।

तभी कुलधरा ओर अन्य 83 गावों के ब्राह्मणों ने। गावों को छोड़ने का फैसला लिया। ओर वह गांव छोड़के चले गए। 

4.3 सुखा ओर पानी की कमी का कारण 

आज भी राजस्थान के अनेकों क्षेत्र रेगिस्तान में तब्दील है।

जहां पानी की मात्रा भी कम रही है। उन्हीं में से Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan ओर उनके शेष 83 · 84 गांव भी। रेगिस्तानी इलाकों में बसे हुए थे।

कुलधरा गांव के प्रमुख जल श्रोत में एक नदी थी। अर्थात् वह भी समय के चलते सूखने लगी।

वही पानी की कमी के कारण। खेती करना काफी मुश्किल हो गया। जिसके चलते जीवन भी कठिन होने लगा।

इसी कारण से ब्राह्मणों ने गांव को छोड़ने का फैसला लिया। 

4.4 पर्यावरणीय ओर भौगोलिक बदलाव के कारण 

राजस्थान का यह क्षेत्र रेगिस्तान में तब्दील है। जहां का तापमान अक्सर अधिक होता है।

मिट्टी की उर्वरता शेष बचीं जिससे खेती करना ब्राह्मणों ( किसानों ) के लिए मुश्किल साबित हो गया। जिसमें पानी और संसाधनों की कमी का कारण भी माना गया है।

जहां निवास करना लोगों के लिए। मुश्किल हो गया। 

5 कुलधरा के भुतहा गांव होने का दावा | kuldhara horror story

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan
चित्र 6 कुलधरा के भुतहा होने को दर्शाता है

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan भुतहा गांव क्यों हैं। हालांकि इसके एक ही नही बल्कि अलग अलग मथ है.

कुलधरा जो राजस्थान ही नहीं बल्कि भारत के सबसे रहस्यमई भुतहा गांवों में से एक है.

लेकिन kuldhara gaon ki history में कहा जाता है। की किसी जमाने में कुलधरा गांव लोगों से भरा हुआ था. यहां पर बड़ी संख्या में पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे.

लेकिन किसी कारण उन्हें इस गांव को रातों-रात खाली करना पड़ा था. कहा जाता है कि कुलधरा गांव को खाली करते वक्त ब्राह्मणों ने श्राप दिया कि जो कोई भी यहां आएगा वह पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा.

यह बात मई 2013 की है। जब भूत प्रेत पर रिसर्च करने वाले पैरानॉर्मल एक्सपेरिमेंट टीम ने। यहां कुछ समय बिताया।

ओर उन्होंने माना की यहां कुछ असामान्य सा जरूर है।

क्योंकि श्याम के वक्त उनका ड्रोन कैमरा जब Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan की तस्वीरें ले रहा था। तभी वह कैमरा बावड़ी के ऊपर जाते ही टहलने लगा।

ओर उसी वक्त कैमरा बंद होकर।  ज़मीन पर आ गिरा। ऐसा लगता हो। जैसे कि उस वक्त कोई वहां था। 

6 कुलधरा के भ्रमण का वर्णन

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan
चित्र 7 कुलधरा के भ्रमण को दर्शाता है

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के भ्रमण के बारे में।

तो भ्रमण का समय सोमवार से रविवार सुबह 8:00 से श्याम 6:00 तक है।

जहा भारतीय नागरिकों के लिए प्रवेश शुल्क 10 रुपए प्रति व्यक्ति रखा गया है। जबकि विदेशी नागरिकों के लिए 100 रुपए प्रति व्यक्ति रखा गया हैं।

यदि आप अपनी स्वयं की गाड़ी लेकर गांव तक जाना चाहते हो। तो आपको 50 रुपए देने होंगे।

कुलधरा के भ्रमण का सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच है। क्योंकि उस समय गर्मी कम पड़ती है। ओर घूमने का लाभ अधिक उठाया जा सकता हैं।

6.1 वायु मार्ग:– दर्शकों, सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जैसलमेर हवाई अड्डा है। जो गांव से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

हालांकि यह राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। सबसे नजदीकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा है। जो तकरीबन 330 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। 

6.2 रेलवे मार्ग:– सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जैसलमेर रेलवे स्टेशन है। जो गांव से तकरीबन 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

यहां से कार रेंट पर ली जा सकती हैं। 

6.3 सड़क मार्ग:– दर्शकों, आप सड़क मार्ग का भी चुन सकते हो।

क्योंकि kuldhara heritage village सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जहां से जैसलमेर की दूरी मात्र 18 किलोमीटर है। 

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  1. amarnath mandir kashmir

Author

  • Lalit Kumar

    नमस्कार प्रिय पाठकों,मैं ललित कुमार ( रवि ) हूँ। और मैं N.H.8 भीम, राजसमंद राजस्थान ( भारत ) के जीवंत परिदृश्य से आता हूँ।इस गतिशील डिजिटल स्पेस ( India Worlds Discovery | History ) प्लेटफार्म के अंतर्गत। में एक लेखक के रूप में कार्यरत हूँ। जिसने अपनी जीवनशैली में इतिहास का बड़ी गहनता से अध्ययन किया है। जिसमे लगभग 6 साल का अनुभव शामिल है।वही ब्लॉगिंग में मेरी यात्रा ने न केवल मेरे लेखन कौशल को निखारा है। बल्कि मुझे एक बहुमुखी अनुभवी रचनाकार के रूप में बदल दिया है। धन्यवाद...

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