Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan जहां हुआ मुखिया की लकड़ी के अधीन, पूरे गांव का खात्मा. वही आज पड़ा है वीरान. जाने अंत तक की कहानी, कुलधरा की जुबानी.
1 कुलधरा का परिचय | Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan जो राजस्थान राज्य के जैसलमेर जिले में स्थित एक गांव है. तथा यह एक प्राचीन ओर रहस्यमई गांव है. जिसे भूतों का गांव होने का भी दावा भी किया जाता है। यह जैसलमेर शहर से लगभग 18 किलोमीटर की दूर पर पश्चिम की ओर बसा हुआ है. जहा से जैसलमेर दुर्ग की दूरी मात्र 18 किलोमीटर है.
वही इस गांव का बसाव 13वीं शताब्दी में था। जिसे पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था। 19वीं शताब्दी के चलते। किसी कारणवश इस गांव को खाली करना पड़ा। जहां Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के वीरान होने के पीछे भी कई वजह रहे हैं।जिनमे सालिम सिंह द्वारा गांव वालो पर अत्याचार करना. और कुलधरा गांव वालो का निजी प्लान आदि शामिल है.
जब मेने पहली बार कुलधरा गांव की यात्रा की. और स्थानीय जानकारियों के मुताबिक मुझे पता चला. की कुलधरा की लंबाई 861 मीटर ओर चौड़ाई 261 मीटर है। तथा यह गांव आयताकार आकार का है। और Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan को 13वीं शताब्दी में. पालीवाली ब्राम्हणों द्वारा बसाया गया था. जिसके आसपास के 84 गांवों को भी। पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा ही बसाया गया था।
जो वर्तमान समय में पूरी तरह खंडित हो चुका है. ओर वीरान पड़ा है। जिसकी देखरेख आज भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ( ASI ) करता है।
2 कुलधरा के लोगो का वर्णन और अर्थव्यवस्था

जब मेने पहली बार Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के इतिहास की जानकारियां प्राप्त की तभी मैने पाया. की इतिहासकार लक्ष्मी चंद द्वारा लिखी गई। 1899 की इतिहास की वह किताब। जिसका नाम तवारिख–ए–जैसलमेर में बताया गया है। की कुलधरा के पालीवाल ब्राह्मणों में से बसने वाला पहला व्यक्ति कधन ( कधान ) नामक व्यक्ति था। जिसने कुलधरा में प्रवेश करके। एक उधानसर नामक तालाब का निर्माण किया था।
वही Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के लोगो को पालीवाल ब्राह्मण कहा जाता है. क्योंकि यह राजस्थान के पाली जिले से आए थे. पाली जिले के कारण ही इनका नाम भी पालीवाली ब्राह्मण पड़ा। जो मूल पालीवाली वैष्णव धर्म के थे। हालांकि कुलधरा के ब्राह्मण लोग. समुदाय अपनी समृद्धि. व्यापार कौशल और जल प्रबंधन तकनीकी से जाने जाते है. जिनमें अधिकतर लोग किसान, कृषि का व्यापार ओर बैंकरों का कार्य करते थे। साथ ही मिट्टी के बर्तन भी बनाया करते थे। मिट्टी के बर्तन fine clay के द्वारा बनाए जाते है.
Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के लोग जिनमें पुरुष लोग मुगलिया अंदाज का साफा पगड़ी ओर पजामा पहनते थे। कमर पर कमरबंध बैल्ट बांधते थे। साथ ही कंधे पर कपड़े से बना रुमाल जैसा अंगरखा भी साथ रखते थे। इसके अलावा पुरुष लोग गले में हार भी पहनते थे। महिलाएं मुख्यत लहंगा पहनती थीं। ओर अंगरखा भी साथ रखती थी। ओर गले में हार का उपयोग भी करती थीं।
वही यहां के लोग जलसंचय हेतु खड़ीन का इस्तेमाल करते थे जो एक कृत्रिम निचाई वाला हिस्सा होता था। जिसके तीन ओर बाँध बना दिये जाते थे। जब खड़ीन का पानी सूख जाता तो पीछे बची मिट्टी ज्वार ,गेहूँ और चने की फसल के लिए अनुकूल होती। वही kuldhara heritage village में एक 2.4 किलोमीटर लंबी और 2 किलोमीटर चौड़ी खड़ीन kuldhara के दक्षिण दिशा में मौजूद थी। जहां खेती करने में गाँव के लोग ककनी नदी या काकनी नदी और कुछ कुओं से पानी सींचते थे।
दूसरी ओर ककनी नदी जो शाखाओं में विभाजित हुआ करती थीं। एक नदी जिसे “मसुरड़ी नदी” कहा जाता था। वही दूसरी ओर यह एक नाली के रूप में थी। ककनी नदी जो कि एक मौसमी नदी है। जब यह सूख जाती थी। तब गाँव के लोग घरों से दूर बने कुओं से पानी लेकर आते थे। वही एक स्तम्भ शिलालेख से पता चलता है। कि गाँव में तेजपाल नाम का एक ब्राह्मण हुआ करता था। जिसने एक बावड़ी का निर्माण करवाया था। यह ब्राह्मण Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan का ही रहने वाला था।
वही यहां के लोग भगवान् विष्णु, महिषासुर मर्दिनी, भगवान् गणेश, बैल स्थानीय घोड़े आदि की पूजा अर्चना किया करते थे।
3 कुलधरा गांव का निर्माण ओर वास्तुशिल्प

यह बात 2022 की है। जब मेने स्वयं Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan की यात्रा की. और इसके निर्माण कार्य और वास्तुकला का विधिवत अध्ययन किया. तब मुझे अहसास हुआ. की यह गांव पूरी तरह से रेगिस्तान के बीच बसा हुआ है। जहां के कुछ हिस्से वर्तमान में खंडहरों में तब्दील है। ओर बाकी कुछ हिस्से शेष बचे है। दूसरी तरफ गांव की संरचना इस प्रकार से बनाई गई थी। की यह गांव गर्मी के मौसम में भी ठंडा रहता था। और गांव की गलियां सुनियोजित और चौड़ी रखी गई थी। जिससे लोगों का आना जाना सुगम रहता था।
जहां गांव के मकान एक पंक्ति में। इस प्रकार बनाए गए थे। जिससे हवा ओर रौशनी का समुचित प्रवाह हो सके। Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के प्रत्येक घर में। मुझे एक आंगन और छत पर हवा के आवागमन के लिए। झरोखें देखने को मिले. कुलधरा गांव की यह वास्तुकला। पूरी तरह से राजस्थानी वास्तुकला के अंतर्गत “राजस्थानी शैली” पर आधारित है। जिसमें गांव के अन्तर्गत निर्माण कार्यों में। यहां के लोगो ने पीले बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया था।
दूसरी तरफ यहां के मकानों की निर्माण प्रक्रिया में बिना किसी चुने, पानी या सीमेंट के। बल्कि पत्थरों के ऊपर पत्थर डालकर बनाया गया था। ओर उनके ऊपर लेप किया गया था। ताकि गर्मी में सर्दी, ओर सर्दी में गर्मी का अहसास हो सके। वही Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के मकानों की दीवारें मोटी बनाई गई थीं।
ताकि गर्मी घरों में प्रवेश न कर सके। घरों में मुझे कमरे, किचेन, हॉल आदि देखने को मिले। वही कुछ कमरे मुझे ऐसे भी देखने को मिले. जिनमें घरों की छतों में लकड़ी के ऊपर लेप लगाकर छतों का निर्माण किया गया था। छतों का निर्माण कार्य पत्थरों की मोटी स्लैब्स से भी किया गया था। ताकि वह गर्मी को सहन करने क्षमता रख सकें।

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के मकानों की बनावटी इस प्रकार से है। ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा ओर बाहरी आक्रमणों से सुरक्षित रह सके। kuldhara village के घरों में मुझे छोटे छोटे आले ( बॉक्स ) देखने को मिले। घरों के झरोखें ओर बालकनीयों में बारीक नक्काशी का इस्तेमाल किया गया था। जो राजस्थानी वास्तुकला का एक उत्कृष्ठ ओर अद्भुत उदाहरण हैं।
वही मकानों के अंदरूनी दरवाजों के आकर छोटे छोटे बनाए गए थे। ताकि धूल और गर्म हवाएं घरों में प्रवेश न करें। इसके अलावा कॉलम का आकार गोलाकार आकृति में बनाया गया था। वही घरों के आँगन में गोबर का लेप या मिट्टी हमे देखने मिलती है। वही सभी घरों की ऊंचाई लगभग 8 से 10 फीट के बीच रखी गई थी। जिनमें अधिकतर डबल इमारतें भी शामिल हैं। यही नहीं देखे मेने Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan में अनेकों मंदिर भी देखे. जिनमे भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान विष्णु, महिषासुर मर्दिनी, कुछ बैल स्थानीय घोड़े आदि शामिल थे। वही इन मंदिरों की वास्तुकला नागर शैली पर आधारित थी.
जिनकी मूर्तियां सुंदर नक्काशी से तैयार की गई थी। यहां लोग घरों के बाहरी भाग में भगवान् गणेश की मूर्ति स्थापित करते थे। इसके अलावा भी यहां के निवासियों ने जल संचय हेतु। कुएं, बावड़ी ओर तालाब आदि के निर्माण कार्यों को अंजाम दिया था। जिससे पानी की आपूर्ति साल के 365 दिन तक टिकी रहती थी।
4 कुलधरा के अंतिम वीरान की घटना की कहानी | kuldhara ki story
कहा जाता है Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के अंतिम वीरान की घटना का अंदाजा कोई नहीं लगा पाया है। हालांकि इतिहासकरों ओर कुछ लोगों के अलग अलग मत जरूर है। यहां मेरे द्वारा कुलधरा गांव के वीरान पड़ने के कुछ मुख्य कारण बताएं गए हैं। जिनमे से सबसे प्रमुख कारण पहले नंबर पर बताया गया है.
4.1 सालिम सिंह और कुलधरा के मुखिया की लड़की | story of kuldhara

स्थानीय लोगो का कहना है. की एक समय था। जब जैसलमेर रियासत का दीवान सालिम सिंह था। जो Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan ओर उसके आस पास के सभी गावों से कर वसुली करता था। वही एक दिन सालीम सिंह की गन्दी नजर kuldhara heritage villag के मुखिया की खुबसूरत लड़की पर पड़ती है। उसी समय से सालिम सिंह उस मुखिया की खुबसूरत लड़की को पाने में लग गया। जिसके चलते वह गांव वालो पर अधिक दबाव डालने लगा।
एक दिन सालीम सिंह ने kuldhara rajasthan में मुखिया के घर पर सन्देश भेजा। ओर कहा यदि अगले पूर्णिमा के दिन तक अगर उस लड़की को सालिम सिंह के पास नहीं भेजा गया। तो वह गांव वालो पर क्रूरता दिखाकर उस लड़की को जबरन उठाकर ले जाएगा। उधर यह खबर सुनकर 84 गांव के लोग इकठ्ठा हुए। ओर सालीम सिंह के इस संदेश से. गांव वाले काफी क्रोधित हुए. सभी ने सोचा की आखिर क्या किया जाए. अंत में सभी ने मिलकर Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan को ही छोड़ने का फैसला ले लिया। ओर पूर्णिमा के दिन सभी ने गांव को अलविदा कहा।
तथा उन्होंने जाते जाते कुलधरा गांव को ही एक श्राप दे डाला। ओर जाते हुए कहा की आज के बाद जो भी इस गांव में प्रवेश करेगा या रहने की कोशिश करेगा। वह तहस नहस हो जाएगा। स्थानीय जानकारी के मुताबिक उसी दिन से आज तक Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan वीरान पड़ा है। तभी से यहां रात में जाने की किसी की हिम्मत नही होती है. और तभी से यह एक भुतहा शहर कहा जाने लगा। जहां आज भी अंधेरी रात में अद्भुत घटनाएं होती रहती है. दूसरी ओर जब सालिम सिंह अपनी सेना लेकर कुलधरा पहुंचा। तो उसे सुनसान घर मिले।
ओर लोग उस गांव को श्राप देके जा चुके थे। ओर सालिम सिंह भी अपनी सेना समेत पुनः लौट जाता है। यह पूरी कहानी आज kuldhara ki story को परिभाषित करती है. और यही वह कहानी है. जो इस गांव के अंतिम वीरान होने की घटना बताई जाती है.
4.2 पालीवाल ब्राह्मणों का निजी पलायन
यह भी कहा जाता है Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के पालीवाल ब्राह्मण बहुत कुशल और बुद्धिमान लोग थे। वह खेती का व्यवसाय ओर व्यापार करने में निपुण थे। एक दिन जैसलमेर रियासत का दीवान सालिम सिंह ने। उन पर कर वसुली का अत्यधिक बोझ डालता है। गांव पर अत्यधिक कर वसुली के चलते। वह कर वसुली देने से असंतुष्ट थे। तभी कुलधरा ओर अन्य 83 गावों के ब्राह्मणों ने। गावों को छोड़ने का फैसला लिया। ओर वह गांव छोड़के चले गए।
4.3 सुखा ओर पानी की कमी का कारण
वही राजस्थान में आज भी अनेकों क्षेत्र रेगिस्तान में तब्दील है। जहां पानी की मात्रा हर वक्त कम रहती है। उन्हीं में से एक Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan ओर उनके शेष 83 · 84 गांव भी। रेगिस्तानी इलाकों में ही बसे हुए थे। कुलधरा गांव के प्रमुख जल श्रोत में एक नदी थी।
अर्थात् वह भी समय के चलते सूखने लगी। वही पानी की मात्रा में कमी आ जाने से। खेती करना काफी मुश्किल हो गया था। जिसके चलते जीवन भी कठिन होने लगा। इसी कारण से ब्राह्मणों ने गांव को छोड़ने का फैसला लिया। और वह सभी इस गांव को छोड़कर चले गए.
4.4 पर्यावरणीय ओर भौगोलिक बदलाव के कारण
राजस्थान का यह क्षेत्र रेगिस्तान में तब्दील है। जहां का तापमान अक्सर अधिक होता है। मिट्टी की उर्वरता शेष बचीं जिससे खेती करना ब्राह्मणों ( किसानों ) के लिए मुश्किल साबित हो गया। जिसमें पानी और संसाधनों की कमी का कारण भी माना गया है। जहां निवास करना लोगों के लिए। मुश्किल हो गया। तभी इसी कारण से उन्होंने Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan आखिरी बार अलविदा कहा.
5 कुलधरा गांव के भुतहा होने का दावा | kuldhara horror story

Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan भुतहा गांव क्यों हैं। हालांकि इसके एक ही नही बल्कि अलग अलग मथ है. कुलधरा जो राजस्थान ही नहीं बल्कि भारत के सबसे रहस्यमई भुतहा गांवों में से एक माना जाता है. लेकिन kuldhara gaon ki history में कहा जाता है। की किसी जमाने में कुलधरा गांव लोगों से भरा हुआ था. यहां पर बड़ी संख्या में पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे.
लेकिन किसी कारण से उन्हें इस गांव को रातों-रात खाली करना पड़ा था. कहा जाता है कि Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan को खाली करते वक्त ब्राह्मणों ने श्राप दिया कि जो कोई भी यहां आएगा वह पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. उन्हीं के जाने के बाद यहां अजीबो गरीब हरकते शुरू होने लगी. जिसे बाद में इसे भूतिया गांव कहा जाने लगा. जहां आज भी रात ढलने के बाद. इंसानों का जाना निषेध है. क्योंकि यहां रात के वक्त मौत का खतरा रहता है.
- वही यह बात मई 2013 की है। जब भूत प्रेत पर रिसर्च करने वाले पैरानॉर्मल एक्सपेरिमेंट टीम ने। यहां कुछ समय बिताया। ओर उन्होंने माना की यहां कुछ असामान्य सा जरूर है। क्योंकि श्याम के वक्त उनका ड्रोन कैमरा जब Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan की तस्वीरें ले रहा था। तभी वह कैमरा बावड़ी के ऊपर जाते ही टहलने लगा। ओर उसी वक्त कैमरा बंद होकर। ज़मीन पर आ गिरा। ऐसा लगता हो। जैसे कि उस वक्त कोई वहां था।
- इसके अलावा भी भूत प्रेत पर रिसर्च करने वाले पैरानॉर्मल एक्सप्रीमेंट टीम ने यहां कुछ समय बिताया. और उन्होंने समय बिताने के बाद. उन्हें यहां कुछ असामान्य सा जरूर महसूस हुआ.
- इसके बाद भी लगातार मीडिया चेनल ने भी अंधेरी रात में यहां की हलचले महसूस की.
6. कुलधरा का भ्रमण और यात्रा का वर्णन

यदि आप पहली बार Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan में प्रवेश करते हो. तो आपको चारो तरफ सन्नाटा देखने को मिलता है. टूटे फूटे खंडहरों में तब्दील घरों के अवशेष देखने को मिलते है. जिसपर एक रहस्यमई और श्रापित गांव का ठप्पा लगा हुआ है. यहां पहुंचते ही आपको महसूस होने लगता है. जैसा मुझे यहां पहली बार पहुंचने पर महसूस हुआ था. की यह गांव भी कभी लोगो से भरा पड़ा था. यहां पर भी कभी लोगो की हलचल हुआ करती थी.
यदि में बात करूं. Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan के भ्रमण की। तो भ्रमण का समय सोमवार से रविवार सुबह 8:00 से श्याम 6:00 तक का है। जहा भारतीय नागरिकों का प्रवेश शुल्क 10 रुपए प्रति व्यक्ति रखा गया है। जबकि विदेशी नागरिकों का प्रवेश शुल्क 100 रुपए प्रति व्यक्ति रखा गया हैं।
यदि आप अपनी स्वयं की गाड़ी लेकर गांव तक जाना चाहते हो। तो आपको 50 रुपए अलग से देने होंगे। कुलधरा का भ्रमण का सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच है। क्योंकि उस समय गर्मी कम पड़ती है। ओर घूमने का लाभ अधिक उठाया जा सकता हैं। लेकिन इसके अलावा भी आपको समूह में रहने की आवश्यकता होती है. आप कुलधरा आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हो. अगर आप Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan जाते हो. तो पटवों की हवेली भी घूमने की काफी अच्छी जगह मानी जाती है.
6.1 वायु मार्ग:– सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जैसलमेर हवाई अड्डा है। जो गांव से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। हालांकि यह राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। वही सबसे नजदीकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा है। जो तकरीबन 330 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
6.2 रेलवे मार्ग:– सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जैसलमेर रेलवे स्टेशन है। जो गांव से तकरीबन 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यहां से कार रेंट पर भी ली जा सकती हैं। और सीधे कुलधरा गांव तक आसानी से पहुंचा जा सकता है.
6.3 सड़क मार्ग:– आप सड़क मार्ग का विकल्प भी चुन सकते हो। क्योंकि kuldhara heritage village सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जहां से जैसलमेर की दूरी मात्र 18 किलोमीटर है।
7. निष्कर्ष क्या कहता है
Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan एक बेहद दिलचस्प और ऐतिहासिक जगह है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर, पालीवाल ब्राह्मणों की समझदारी और मानवीय गरिमा की कहानी सुनाती है। यह गाँव अपनी शापित कहानी के लिए तो जाना जाता ही है, लेकिन इसके अद्भुत निर्माण, जल प्रबंधन और सुनियोजित ढंग से बसावट भी देखने लायक हैं।
कुलधरा गांव हमें यह भी सिखाता है कि जब आत्मसम्मान और अन्याय के बीच टकराव होता है, तो एकजुट होकर लिया गया फैसला इतिहास पर गहरी छाप छोड़ सकता है। आज भी, यह गाँव समय की रेत पर एक चेतावनी और आकर्षण का प्रतीक बना हुआ है।
8. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | FAQs
Q.1 कुलधरा गाँव कहाँ बसा हुआ है?
उत्तर Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan राजस्थान के जैसलमेर जिले में है, जो जैसलमेर शहर से लगभग 18 किलोमीटर पश्चिम की ओर स्थित है।
Q.2 कुलधरारा गाँव की खास बात क्या है?
उत्तर यह गाँव अपने “शापित” और रहस्यमयी इतिहास के लिए जाना जाता है, जहाँ कहा जाता है कि एक रात में पूरा गाँव खाली हो गया था।
Q.3 कुलधरा गाँव की स्थापना कब वह किसने की थी?
उत्तर कुलधरा की स्थापना पालीवाल ब्राह्मणों ने लगभग 13वीं शताब्दी में की थी। वे अपने ज्ञान, कृषि कौशल और वास्तुकला के लिए मशहूर थे।
Q.4 कुलधरा गाँव को क्यों छोड़ना पड़ा?
उत्तर कहानियों के अनुसार, जैसलमेर के दीवान सलीम सिंह ने एक पालीवाल लड़की से शादी के लिए दबाव डाला, जिससे नाराज़ होकर पूरे गाँव ने एक रात में पलायन कर दिया।
Q.5 क्या कुलधरा गाँव सच में शापित है?
उत्तर यह माना जाता है कि कुलधरा शापित है, और इसी वजह से कोई भी वहाँ स्थायी रूप से नहीं रह पाया। हालांकि, इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं है।
Q.6 कुलधरा गाँव में देखने लायक क्या है?
उत्तर वहाँ प्राचीन खंडहर, मंदिर, बावड़ी और हवेलियाँ हैं, जो पालीवाल संस्कृति की झलक पेश करती हैं।
Q.7 क्या कुलधरा गाँव में भूत-प्रेत की घटनाएँ होती हैं?
उत्तर कुछ लोगों का कहना है कि रात के समय वहाँ अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं, लेकिन ये सब लोककथाओं और मान्यताओं पर निर्भर हैं।
Q.8 कुलधरा गाँव किस प्रशासनिक संस्था के अंतर्गत आता है?
उत्तर यह गाँव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है और इसे एक संरक्षित धरोहर स्थल माना गया है।
Q.9 कुलधरा कब और कैसे जाना चाहिए?
उत्तर सर्दियों (नवंबर से फरवरी) में कुलधरा की यात्रा करना सबसे अच्छा होता है। आप जैसलमेर से टैक्सी या बाइक से आसानी से पहुँच सकते हैं।
Q.10 क्या कुलधरा में रुकने की व्यवस्था है?
उत्तर Kuldhara Heritage Village Jiyai Rajasthan में रुकने की कोई सुविधा नहीं है क्योंकि यह एक परित्यक्त स्थल है, लेकिन जैसलमेर शहर में कई होटल और रिसॉर्ट्स हैं।
Q.11 कुलधरा गाँव के आसपास और कौन से दर्शनीय स्थल हैं?
उत्तर पास में खाभा किला, सम सैंड ड्यून्स, पटवों की हवेली और जैसलमेर किला जैसे प्रमुख स्थल हैं।
Q.12 क्या कुलधरा में गाइड की सुविधा है?
उत्तर हाँ, जैसलमेर से गाइड के साथ कुलधरा की यात्रा कराई जाती है, जिससे आप गाँव के इतिहास और रहस्यों को बेहतर तरीके से जान सकते हैं।
Q.13 क्या कुलधरा गाँव में प्रवेश शुल्क है?
उत्तर हाँ, कुलधरा गाँव में प्रवेश के लिए एक छोटा सा शुल्क लिया जाता है, जिसे राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है।
Q.14 कुलधरा गाँव पर कौन-कौन सी फिल्में या डॉक्यूमेंट्री बनी हैं?
उत्तर कुलधरा पर कई टीवी शोज़, डॉक्यूमेंट्री और यूट्यूब वीडियोज़ बने हैं, जो इसे “भारत का भूतिया गाँव” के रूप में दिखाते हैं।
Q.15 क्या कुलधरा में फोटोग्राफी की अनुमति है?
उत्तर हाँ, कुलधरा में फोटोग्राफी की अनुमति है और यह स्थान फोटोग्राफरों के लिए एक बेहतरीन लोकेशन माना जाता है।