pragya shikhar  Todgarh: परिचय, निर्माण, यात्रा, भ्रमण और इतिहास

pragya shikhar अरावली पर्वत श्रृंखला की गोद में बसा यह स्थान रावली वन्यजीव अभयारण्य और आसपास की हरियाली का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। जो भ्रमण का केंद्र है।

1 प्रज्ञा शिखर टॉडगढ़ का परिचय | pragya shikhar

pragya shikhar todgarh राजस्थान के खूबसूरत पहाड़ी इलाके में स्थित है, जो आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का बेहतरीन मेल है। यह स्थान अपने आकर्षण के साथ-साथ आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए भी प्रसिद्ध है।

टॉडगढ़ एक शांत और हरा-भरा कस्बा है, जो अरावली पहाड़ियों में स्थित है।

यहाँ कम जाना जाता है, लेकिन इसमें सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहर की कमी नहीं है। प्रज्ञा शिखर का निर्माण अखिल विश्व गायत्री परिवार ने किया था और यह शांतिकुंज, हरिद्वार से प्रेरित विशेष आध्यात्मिक केंद्र है।

इसे उन्होंने एक ध्यान केंद्र के रूप में डिज़ाइन किया है जहाँ व्यक्ति आत्मा की खोज, साधना और विकास कर सकते हैं। pragya shikhar की वास्तुकला और प्राकृतिक वातावरण एक ऐसा महसूस कराते हैं

जो शांति की अनुभूति देते हैं। जब पहाड़ियों पर सूर्य की पहली किरणें पड़ती हैं, तो पूरा स्थान सुनहरे रंगों में चमक उठता है और साधकों को नयी ऊर्जा मिलती है। यहाँ का वातावरण इतना शांत और स्वच्छ है कि लोग खुद को परमात्मा के करीब महसूस करते हैं।

pragya shikhar में, ध्यान, साधना, और यज्ञ के लिए विशेष कमरे हैं जो इसे आध्यात्मिक स्थल बनाते हैं। यहां पर पर्यावरण, मानसिक साफ-सफाई और समाजिक जागरूकता पर भी कई कार्यक्रम होते हैं।

विशेष कार्यक्रम में गायत्री यज्ञ, प्रवचन, और सांस्कृतिक आयोजन शामिल होते हैं, जो लोगों को आध्यात्मिक ऊंचाई की ओर ले जाते हैं। यह सेंटर टॉडगढ़ के नजदीक स्थित है और भारतीय दर्शन और आधुनिक विचारों का एक उत्कृष्ट मिश्रण प्रस्तुत करता है।

pragya shikhar आने वाले व्यक्तियों को नई दिशाएं मिलती हैं और वे अंतर्मुखी ऊर्जा का अनुभव करते हैं, जिससे उन्हें सकारात्मक परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता है। प्रज्ञा शिखर का हर कोना, दीवार और रास्ता ध्यान और ज्ञान का अहसास कराता है।

यहां सभी के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी है, जहां व्यक्ति अपने जीवन के उद्देश्य और मूल्यों को समझ सकते हैं।

पहाड़ी शांति, हरियाली, और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरे इस स्थान को एक मात्र पर्यटन स्थल के रूप में नहीं देखा जा सकता, बल्कि आत्मिक विकास का एक केंद्र है।

pragya shikhar आंतरिक यात्रा का दरवाजा है, जो आत्मा की खोज की शुरुआत करता है और जीवन की असली मंजिल की ओर ले जाता है।

इस स्थान पर हर व्यक्ति को नई दिशा की खोज का मौका प्राप्त होता है।

2 प्रज्ञा शिखर का निर्माण एवं वास्तुशिल्प 

pragya shikhar

pragya shikhar टॉडगढ़ न केवल एक बड़ा आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि इसमें गहरा सांस्कृतिक और दार्शनिक सोच का प्रतिबिंब भी है। इसे अखिल विश्व गायत्री परिवार की प्रेरणा से स्थापित किया गया है,

जिसका उद्देश्य है लोगों के भीतर की खोज और आत्मशुद्धि के लिए एक जीवंत माध्यम प्रदान करना। टॉडगढ़ के शांत और सुंदर पहाड़ी क्षेत्र इस मिशन के लिए उपयुक्त स्थान है, क्योंकि यहां का माहौल ध्यान और साधना के लिए अत्यंत सुविधाजनक है।

यह इसका निर्माण बहुत समझकर किया गया है, जहां आपको modern और पारंपरिक भारतीय वास्तुकला का अच्छा मेल दिखाई देता है। इसकी ढाल न केवल सुंदर है, बल्कि यहां से आध्यात्मिक ऊर्जा का भी अनुभव होता है। इस क्षेत्र में मंदिर की शैली ठंडक से भरी हुई नजर आती है।

प्रमुख भवनों की छतें और गुंबद पारंपरिक कला का प्रतीक हैं। भवनों की दीवारों पर धार्मिक प्रतीक और वैदिक मंत्रों के चित्र एक जीवंत आध्यात्मिक संदेश भी देते हैं।

pragya shikhar में प्रयोग किए गए पत्थर, लकड़ी और अन्य सामग्री पर्यावरण के साथ मेल खाती हैं और भवनों को टिकाऊ बनाती है। इस क्षेत्र में एक सुंदर संतुलन भी है, जहां यज्ञशाला, ध्यान कक्ष, पुस्तकालय, निवास कक्ष और दर्शनीय स्थल सभी आस-पास हैं,

लेकिन साथ ही चैन और स्वतंत्रता का अनुभव भी कराया जाता है।

pragya shikhar का निर्माण वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों का पालन करके किया गया है। यहां के दिशा, ऊंचाई, दरवाजे की जगह और ऊर्जा प्रवाह को इस तरह से निर्धारित किया गया है कि सभी लोग यहां आकर एक शांति और ऊर्जा का अनुभव करें।

इसका मुख्य यज्ञमंडप अपने आकार और धार्मिक महत्व के कारण लोगों को आकर्षित करता है, जहां नियमित रूप से यज्ञ और सामूहिक पूजा होती है। ध्यान भवन इस तरह बनाया गया है कि वहां कदम रखते ही एक विशेष प्रकार की शांति और ऊर्जा का अनुभव होता है,

जो साधना में गहराई तक ले जाती है। pragya shikhar के बाग-बगीचे, तालाब और पेड़-पौधे भी वास्तुशास्त्र पर आधारित हैं ताकि पूरे परिसर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। प्रज्ञा शिखर का निर्माण सिर्फ ईंट-पत्थरों का काम नहीं था, बल्कि एक चेतना का निर्माण करने की कोशिश थी

जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करे और जीवन का सही रास्ता दिखाए।

इसके पीछे मेहनत, श्रद्धा और रचनात्मकता है।

आज जो इसका दिव्य रूप है, वह उन लोगों की मेहनत का परिणाम है जिन्होंने इसके निर्माण में अपने प्रयास लगाए।

इसकी वास्तुकला और आध्यात्मिक उद्देश्य इसे एक विशेष स्थान देते हैं, जहां सिर्फ निर्माण ही नहीं, बल्कि चेतना का भी निर्माण हुआ है।

pragya shikhar सिर्फ देखने की जगह नहीं है, बल्कि एक प्रेरणा का स्रोत है, जो आज भी हजारों लोगों को सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है।

3 प्रज्ञा शिखर के प्रचलित स्थल 

pragya shikhar

3.1 स्मारक | pragya shikhar

pragya shikhar टॉडगढ़, जो राजस्थान के पाली जिले में अरावली पर्वत श्रृंखला के बीच बसा हुआ है, एक पुरातात्विक और सुंदर स्थान है। इस जगह पर प्रज्ञा शिखर स्मारक स्थित है, जो केवल आध्यात्मिक नहीं है, बल्कि भारतीय इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का एक सुंदर मिलन है।

यह स्मारक स्वतंत्रता सेनानी श्री विजय सिंह ‘पथिक’ की स्मृति में बनाया गया है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और बाद में समाज सेवा में अपना जीवन समर्पित किया।

pragya shikhar सिर्फ एक इमारत नहीं है; यह हमारे संघर्षों, संस्कृति और आत्मिक जागरूकता की कहानी कहता है।

  • pragya shikhar को ध्यान में एक स्थान माना गया है जहाँ लोग अपने विचारों पर विचार कर सकते हैं।
  • यह ऊँची पहाड़ी पर स्थित है और जाने के लिए आपको उन्हें चढ़ना पड़ता है, जो आत्म-विकास की यात्रा का प्रतीक है।
  • जैसे-जैसे आप ऊपर बढ़ते हैं, आप सिर्फ ऊँचाई नहीं प्राप्त करते हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक उन्नति का अनुभव भी करते हैं।
  • शिखर पर पहुंचने पर जो शांति मिलती है, वह हर आगंतुक को स्पर्श कर लेती है। इसकी वास्तुकला साधारण है लेकिन इसमें प्रभावशालीता है।
  • यहां भव्य महल जैसी ढांचे नहीं होतीं, बल्कि यहां सादगी और गहराई है। इसका एक ध्यान-कक्ष है, जहां लोग शांति से बैठकर विचार कर सकते हैं।
  • pragya shikhar की दीवारों पर प्रेरणादायक विचार और उद्धरण आपको सोचने पर मजबूर कर देते हैं। चारों ओर हरियाली और ठंडी हवा उस अनुभव को और भी आध्यात्मिक बना देती है। “प्रज्ञा शिखर सिर्फ एक व्यक्ति की याद नहीं है, बल्कि उस समय की भी याद है जब विचार और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई चल रही थी।
  • यह एक अवसर है जिसमें युवा अपने इतिहास से जुड़कर प्रेरणा लेने का। यहाँ सम्मेलन, ध्यान शिविर और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं जो इस स्थान को जीवंत रखने में मदद करते हैं।”
  • pragya shikhar टॉडगढ़ का यह स्मारक प्रज्ञा और आत्मविकास का प्रतीक है। इसे भौतिक प्रदर्शन के बजाय आत्मिक भावनाओं से सजाया गया है।

यहां के हर पत्थर और वृक्ष जैसे अतीत की कहानियां सुनाते हैं।

जब सूरज की किरणें इस शिखर को छूती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे इतिहास, प्रकृति और आत्मा बातें कर रही हों।

pragya shikhar सिर्फ एक स्मारक नहीं है; यह एक यात्रा है – आत्मा की, विचारों की और उस रास्ते की जो आपको सामाजिक जिम्मेदारियों की ओर ले जाता है।

3.2 गार्डन 

टॉडगढ़ pragya shikhar के पास बना यह गार्डन वास्तव में एक सुंदर स्थान है, जहाँ प्रकृति और मानव की अच्छी लीला दिखती है। यह सिर्फ पौधों और फूलों का समूह नहीं है, बल्कि यहां हर कोने में एक अलग-अलग शांति और ऊर्जा मिलती है।

अरावली पहाड़ों के बीच स्थित इस गार्डन की खासियत नहीं सिर्फ इसकी सजावट में है, बल्कि उस दृश्य और भावना में है जो इसे घेरे हुए है। यहां के पेड़ सिर्फ छाया नहीं देते, बल्कि आपको यह विचार दिलाते हैं कि वे अपने जीवन से कुछ सीखा रहे हैं।

प्रत्येक पौधे और पत्तियां ऐसे लगती हैं जैसे वे किसी याद या विचार से जुड़ी हों, जिससे यह गार्डन अन्य स्थानों से अलग नजर आता है। जब आप बगीचे में कदम रखते हैं, तो एक विशेष तरह का शांति का अनुभव होता है।

यह केवल बाहरी शांति नहीं है, बल्कि आपके भीतरी अनुभूतियों में एक नया ताजगी भर देता है, जैसे कोई मिठा संगीत सुनाई दे रहा हो। pragya shikhar के रास्ते ऐसे तैयार किए गए हैं जो आपको ध्यान देने, ध्यान लगाने और शांति का आनंद लेने के लिए प्रेरित करते हैं।

जैसे कि प्रकृति आपसे बातचीत कर रही हो – पत्तों की रुसरुहाट, पक्षियों की चहचहाहट और हल्की हवाओं की मिठी सुरीली आवाज, सभी मिलकर एक विशेष वातावरण बनाते हैं। यहाँ के पेड़ों में मुख्य रूप से औषधीय और स्थानीय प्रजातियाँ हैं, जो स्थानीय सौंदर्य के साथ-साथ पर्यावरण की भी कल्पना में भागीदारी करती हैं।

यह उद्यान ध्यान के लिए एक अद्वितीय स्थल है। यहाँ कई लोग बैठकर ध्यान करते हैं, किताबें पढ़ते हैं या बस प्रकृति का आनंद लेते हैं। यहाँ कोई शोर नहीं, बस संतोषजनक मौन है – जो शब्दों से कहीं ज्यादा असरदार है। हर मौसम में यह उद्यान अपनी अलग रंगत दिखाता है – बसंत में नए कोपल, गर्मी में धूप-छांव का खेल, बारिश में मिट्टी की खुशबू और शरद में गिरते पत्तों की शांति।

यह pragya shikhar हर किसी के लिए उसकी मनस्थिति के अनुसार एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। छोटे जलकुंड और बहती नदियों के साथ गार्डन में एक माहौल है, जो आपके ध्यान में मदद करता है। यहाँ की जलधाराएं ताजगी और जीवन ऊर्जा को बढ़ाती हैं। कई बार लोग यहाँ बैठकर अपने तनाव से राहत पाते हैं।

इस स्थान का माहौल ऐसे तैयार किया गया है कि यह आपको अपनी जड़ों से जोड़ता है और प्रकृति की देखभाल की जिम्मेदारी को समझाता है। टॉडगढ़ की प्रज्ञा शिखर गार्डन न केवल हरियाली का स्थान है, बल्कि यह एक गहरा विचार करने और महसूस करने का अनुभव है।

यहाँ लोग सिर्फ आराम नहीं करते, बल्कि अपनी पहचान और सच्चाई को जानने की कोशिश करते हैं। यहाँ की शांति भी बहुत कुछ कहती है, एक फूल एक विचार जगाता है और हर पेड़ जीवन की स्थिरता की कहानी सुनाता है। यह गार्डन न केवल पर्यावरण के लिए महत्वपूरण है, बल्कि यह आध्यात्मिक प्रगति का भी साधन है।

3.3 खेलकूद का ग्राउंड 

टॉडगढ़ pragya shikhar में खेल का मैदान एक ऐसा स्थान है जो जीवन की ऊर्जा से भरा हुआ है। यह सिर्फ खेल-कूद के लिए ही नहीं है, बल्कि यह अनुशासन, समर्पण और टीम वर्क जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों की सिख देता है।

अरावली पर्वतों के बीच स्थित इस मैदान में एक विशेष आकर्षण है, जो खिलाड़ियों को प्रेरित करता है कि वे अपने आप को और उत्कृष्ट बनाएं। सुबह की धूप में यह स्थान खेल के मैदान से भी एक पवित्र स्थान की तरह लगता है, जहाँ शरीर के साथ-साथ मन को भी नयी ऊर्जा मिलती है।

इस इलाके में कई खेल गतिविधियों का आयोजन होता है, जैसे दौड़, कबड्डी, फुटबॉल और योग, जो न केवल युवाओं को सक्रिय रखती हैं, बल्कि उनमें टीम स्पर्धा और अनुशासन की भावना भी जागृत होती है। इस मैदान पर सभी उम्र के लोगों के लिए प्रवेश है, जहाँ बच्चे खेलते हैं, युवा प्रतिस्पर्धा करते हैं और बुजुर्ग आराम करते हैं।

जब लोग सुबह-सुबह pragya shikhar जगह पहुंचते हैं, तो यहाँ की दृश्य सुंदर होती है, जहाँ सभी एक-दूसरे के साथ जुड़े होते हैं। इस मैदान की खास बात यह है कि यह सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि साझेदारी और एकता का प्रतीक है।

यहाँ विभिन्न खेलों के आयोजन सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि सामुदायिक सहयोग का एक प्लेटफॉर्म होते हैं। किसी विशेष दिन जब पूरा समुदाय इस जगह पहुंचता है, तो यहाँ एक सांस्कृतिक मिलनसार भूमिका अदा करता है, जहाँ विवाद और विचार-विमर्श होता है।

यहाँ का मैदान यह शिक्षा देता है कि स्वस्थ शरीर और संतुलित मन ही खुशहाल समाज की नींव बना सकते हैं। आजकल के तनावभरे जीवन में, ख्याल करें कि इस मैदान का हरित वातावरण और खुला आसमान खेलते समय मात्र खूबसूरत दृश्य नहीं प्रस्तुत करते, बल्कि ताजगी और ऊर्जा भी देते हैं।

pragya shikhar की भूमि का आकार ऐसा है कि यह हर मौसम में खेल के लिए उपयुक्त हो। यहाँ यह प्राकृतिक आधार पर तैयार किया गया है ताकि खेल क्रियाकलाप के लिए उपयुक्त रहे। असलीत में, यहाँ का मैदान सभी के लिए साझा स्थान है।

यहाँ की धरती, हवा, और माहौल हर क्षण यह याद दिलाते हैं कि खेल केवल शारीरिक शक्ति ही नहीं, बल्कि आत्मा की भी अभिव्यक्ति है। टॉडगढ़ प्रज्ञा शिखर का खेल का मैदान एक प्रकार का जीवंत स्कूल है, जहाँ शिक्षा बुक्स से नहीं बल्कि असली अनुभवों से प्राप्त की जाती है।

यहाँ बच्चों और युवाओं को सिर्फ जीतने की मार्ग नहीं दिखाता, वरन् उन्हें हार का महत्व भी समझाता है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने की क्षमता मिलती है।

यह मैदान खेल के साथ-साथ मानसिक और आत्मिक विकास के लिए भी एक मंच है, जिससे इस पूरे परिसर का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।

4 प्रज्ञा शिखर का भ्रमण 

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टॉडगढ़ pragya shikhar का दौरा करना एक अनोखा अनुभव है जिसे देखने के साथ-साथ महसूस भी किया जा सकता है। यहाँ की स्थिति प्राकृतिक सौंदर्य और शांति से भरपूर है।

जब आप एक बार यहाँ पहुंचते हैं, तो आपको विशेष महसूस होने लगता है, जैसे कोई आपको अंदर आने के लिए बुला रहा हो। पहाड़ों से घिरी, हरियाली से भरी यहाँ की दृश्यकला सुंदर है, लेकिन इसका वातावरण एक अलग ऊर्जा से भरा हुआ है।

यहाँ की हर गली, हर कोना और हर पत्थर एक कहानी सुनाता है, और उसमें खो जाना एक आनंददायक अनुभव होता है। प्रज्ञा शिखर पर्वट यात्रा साधारण पर्यटन से भिन्न है। यहाँ, आपको सिर्फ नज़राना देखने के लिए नहीं आना पड़ेगा, बल्कि यह एक अनुभव है, जिसके दौरान हर कदम पर आप अपने आप को समझना शुरू कर देंगे।

हाँ, चढ़ाई करने में मेहनत चाहिए, लेकिन जब आप शिखर तक पहुँचते हैं, तो वहाँ का दृश्य आपके सारे थकान को दूर कर देता है। शिखर पर पहुँचते ही, हवा का वह विशेष अनुभव रहता है, जिसे आप कह सकते हैं कि आप सही जगह पहुँच गए हैं।

नीचे गाँव, दूर तक फैली घाटियाँ और पेड़ों की पंक्तियाँ देखकर, मन अपने आप ही शांत हो जाता है। pragya shikhar की यात्रा का सबसे विशिष्ट भाग यहाँ की शांति है। यह शांति न सिर्फ एक खाली जगह है न ही निराशा, बल्कि यह एक जीवंत शांति है जिसमें कोई शब्द आवश्यक नहीं है। जब आप किसी चट्टान पर बैठ कर प्राकृतिक दृश्य को देखते हैं, तो आपको ऐसा लगेगा कि समय ठहर गया है।

पक्षियों की चींचीलाहट, पत्तियों की रुसरुहाट, और कहीं दूर से सुनाई देने वाले मंदिर की घंटियों की आवाज यह खामोशी संगीत में परिवर्तित कर देती हैं।

यही वह आनंद है जो प्रज्ञा पर्वत की आत्मा है – एक ऐसा सुख जो वस्तुओं या इच्छाओं से नहीं बल्कि आपके अंदर से उत्पन्न होता है जैसे प्रकृति आपको जीवन की सच्चाई से मिलाती है।

यहाँ सभी का अनुभव अलग-अलग होता है। किसी के लिए यह ध्यान का स्थान होता है, किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत, और किसी के लिए शांति भरा समय।

प्रत्येक आगंतुक इस स्थल से नयी ऊर्जा और नजरिया लेकर वापस जाता है। कुछ लोग यहाँ अकेले आते हैं, कुछ समूह में ध्यान करते हैं, और कुछ सिर्फ इस स्थल का आनंद लेते हैं – लेकिन सभी का अनुभव विशेष और गहन होता है।

टॉडगढ़ pragya shikhar की यात्रा हमें वहाँ ले जाती है, जहाँ हम आम जीवन की भागदौड़ में अक्सर खो जाते हैं। यहाँ आकर लगता है कि जीवन का सही अर्थ फिर से समझ में आ गया है, और आपको यह अनुभव होता है कि असली खुशी बाहर नहीं, बल्कि अंदर ही मिलती है – और यह खुशी सिर्फ इस शिखर पर ही बसती है।

5 प्रज्ञा शिखर की यात्रा का विवरण 

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टॉडगढ़ pragya shikhar की यात्रा सिर्फ एक जगह पर पहुंचने का नाम नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अनुभव है जो हर कदम पर नई भावनाओं और नज़ारों से भरपूर है। यह जगह राजस्थान की सांस्कृतिक धरती पर है, जो पाली जिले में स्थित है और अजमेर और राजसमंद के नजदीक है। यहाँ की hills आपको एक सुकून भरा माहौल देती हैं।

याद रहे, यहाँ तक पहुंचना थोड़ा लंबा हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, आपको लगता है कि यह दूरी केवल शारीरिक नहीं, बल्कि एक गहरी यात्रा की शुरुआत है। सड़क से यहाँ पहुंचना आसान है और प्रमुख शहरों जैसे अजमेर और उदयपुर से आसानी से आ सकते हैं।

यदि कोई ट्रेन लेना चाहें, तो सबसे पास का रेलवे स्टेशन अजमेर या ब्यावर है। फिर वहाँ से सड़क पर दो से ढाई घंटे का सफर तय करके टॉडगढ़ पहुंच सकते हैं। रास्ता पहाड़ियों, घुमावदार रास्तों और हरियाली से भरा होता है, जिससे हर पल की यात्रा खास बन जाती है।

जब आप गाँव में पहुंचते हैं, तो एक अलग ही शांति का अनुभव होता है। मानो आप किसी दूसरी दुनिया में आ गए हों, जहाँ समय धीरे चलता है और जीवन की धड़कनें गहराई से महसूस होती हैं। प्रज्ञा शिखर गाँव के ऊपरी हिस्से में है और पहुँचने के लिए एक छोटी चढ़ाई करनी होती है, जो पैदल ही होती है।

ये चढ़ाई थकाने वाली नहीं है, बल्कि इसे करने से आपकी सोच और एकाग्रता बढ़ती है। रास्ते में आपको खूबसूरत नज़ारे, छोटे मंदिर और पेड़ों की पंक्तियाँ देखने को मिलती हैं।

जब आप pragya shikhar पर पहुँचते हैं, तो यहाँ का दृश्य आपकी सारी थकान को मिटा देता है। दूर तक फैला आसमान और ग्रीनरी आपको ऐसा लगता है जैसे आपको कोई खास स्वागत कर रहा हो। यहाँ पहुँचने की प्रक्रिया – चाहे सड़क हो, रेल हो या पैदल चढ़ाई – एक अद्भुत बदलाव की यात्रा बन जाती है।

इस जगह पर आकर आप सिर्फ एक पर्यटन स्थल पर नहीं, बल्कि अपनी आत्मा की गहराई में कुछ अलग अनुभव करने आते हैं।

टॉडगढ़ pragya shikhar की यात्रा एक जीवन-यात्रा है, जिसका असर आपके दिल और आत्मा पर हमेशा के लिए रहता है।

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  1. चारभुजा जी का मंदिर
  2. कुंभलगढ का किला

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Author

  • Lalit Kumar

    नमस्कार प्रिय पाठकों,मैं ललित कुमार ( रवि ) हूँ। और मैं N.H.8 भीम, राजसमंद राजस्थान ( भारत ) के जीवंत परिदृश्य से आता हूँ।इस गतिशील डिजिटल स्पेस ( India Worlds Discovery | History ) प्लेटफार्म के अंतर्गत। में एक लेखक के रूप में कार्यरत हूँ। जिसने अपनी जीवनशैली में इतिहास का बड़ी गहनता से अध्ययन किया है। जिसमे लगभग 6 साल का अनुभव शामिल है।वही ब्लॉगिंग में मेरी यात्रा ने न केवल मेरे लेखन कौशल को निखारा है। बल्कि मुझे एक बहुमुखी अनुभवी रचनाकार के रूप में बदल दिया है। धन्यवाद...

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